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संवेदना और शब्द

संवेदना और शब्द

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ग्रामीण परिवेश में प्रकृति की इतनी गहरी संवेदना होती है, कि कविता के स्वर स्वत: ही प्रस्फुटित हो उठते हैं। ‌अत: प्रकृति के सभी मोहक रूपों का‌ आभार जो मुझे कविता के लिए उत्प्रेरित करते हैं। कहीं मिट्टी की सौंधी गंध है, तो हरसिंगार के फूल महकते हैं, कभी रात की रानी की सुगंध हवा में घुल जाती है,। कहीं कुंज यहकते हैं‌, कहीं बुरांश के लाल पिछौड़े वन की शोभा को द्विगुणित कर रहे हैं। कहीं कोयल की कूक है, कहीं नव वधू का घूंघट भी है।

SKU:9789369534739

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