Description of the Book:
ख़्याल...ना सीमित हैं, ना परिसीमा में बांधे जा सकते हैं। वो तो उन्मुक्त हैं, विचारों, आचारों, व्यवहारों और समाज के दायरे से बहुत परे
ख़्याल...तेरे मेरे ख़्याल
SKU: 9789367393079
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Author's Name: गीतांजलि शर्मा "गीत "
About the Author: "गीतांजलि शर्मा, जिन्हें ""गीत"" के नाम से जाना जाता है, प्रेम और सपनों की कवयित्री हैं। उनकी कविताएँ दिल की गहराइयों में बसे प्यार, अधूरे ख्वाबों और जीवन की कोमल भावनाओं को खूबसूरती से अभिव्यक्त करती हैं।उनकी कविताओं में आधुनिकता और परंपरा का संगम दिखाई देता है। एक शिक्षिका के रूप में उनके अनुभव उनकी कविताओं में झलकते हैं, जहाँ प्रेम केवल भावना नहीं, बल्कि जीने का तरीका बन जाता है। उनकी रचनाओं में आधुनिक नारी के सपनों और उनकी आकांक्षाओं को एक सशक्त स्वर मिलता है।यह संग्रह जीवन, प्रेम और सपनों की अनकही कहानियों को पाठकों के दिलों तक पहुँचाने का प्रयास है। गीतांजलि के शब्दों में वह जादू है, जो पाठकों को अपने भीतर झाँकने और सपनों को पंख देने की प्रेरणा देता है।" Book ISBN: 9789367393079